सोनू सूद पहुंचे महाकाल के दरबार पत्नी के साथ किया अभिषेक, बीमारी से पीड़ित अथर्व के इलाज के लिए आगे आए

Sonu Sood reached the court of Mahakal, performed Abhishek with his wife, came forward for the treatment of Atharva suffering from illness

विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतर्लिंगो में से एक महाकाल मंदिर में फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने सपत्नीक भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। सोनू सूद ने मंदिर के गर्भ गृह से पत्नी सोनाली के साथ बाबा महाकाल का पूजन अभिषेक कर आशीर्वाद लिया। सोनू ने कोरोना को लेकर को सतर्क रहने की सलाह दी। इस अवसर पर कहा कि मेरा नंबर वही है, मैं कल भी लोगों के लिए खड़ा था, आगे भी तैयार रहूंगा। इस दौरान सोनू उज्जैन में स्पाइन मस्कुलर एट्रॉफी sma-2 बीमारी से पीड़ित बच्चे अथर्व से भी मिले और मदद का आश्वासन दिया। जिसके एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ है।

सोनू सूद ने कहा देश कोरोनावायरस फिर खड़ा हुआ है

महाकाल मंदिर पहुंचे फिल्म स्टार सोनू सूद ने गर्भगृह में करीब 20 मिनिट तक महाकाल के दर्शन कर पंचामृत पूजन अभिषेक किया। सोनू ने नंदी हाल में नंदी का भी पूजन कर मंत्र जाप किया। इस मौके पर सोनू सूद से मिलने वाले और देखने वालों की भीड़ लग गई। दर्शन के बाद मीडिया से बात करते हुए सूद ने कहा-देश कोरोना के बाद दोबारा खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि मैंने बाबा महाकाल से देश की सुख समृद्धि और देश का हर नागरिक खुशहाल रहे यही मनोकामना की है। मेरी फिल्म फतेह को लेकर मनोकामनाएं की है। मैं दोबारा जरूर मंदिर आऊंगा। वहीं कोरोना को लेकर सभी अपना ध्यान रखें और घबराए नहीं मेरा नंबर वही है। महाकाल ने पहले भी मुझे ताकत बख्शी थी तो मैं कुछ कर पाया अब दोबारा मेरा प्रयास जारी रहेगा। 
दुर्लभ बीमारी पीड़ित बच्चे के लिए आगे आए सोनू सूद

बच्चे अथर्व से मिले सोनू सूद

उज्जैन के रहने वाले दुर्लभ बीमारी स्पाइन मस्कुलर एट्रॉफी sma-2 बीमारी से पीड़ित बच्चे अथर्व से भी सोनू सूद मिले। पिता पवन पंवार एवं उनकी पत्नी भावना पंवार ने पुत्र अथर्व की बीमारी के लिए लगने वाला 16 करोड़ का इंजेक्शन की बात साझा की। इसके बाद सोनू सूद ने तत्काल मुंबई स्थित अपनी टीम से बात कर डॉक्टर की टीम से इलाज और इंजेक्शन के हर संभव मदद का एलान भी कर दिया। सोनू ने कहा भगवान महाकाल ने बच्चे अथर्व की मदद के लिए मुझे महाकाल बुलाया था। शायद महाकाल की यही इच्छा थी। उसके इलाज के लिए बेस्ट डॉक्टर से इलाज करवाएंगे। बॉम्बे जाने से पहले ही हरसंभव मदद का एलान करके सोनू सूद उज्जैन से इंदौर के लिए रवाना हो गए। 

क्या है SMA बीमारी?

स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी (SMA) बीमारी वाले बच्चों के शरीर में प्रोटीन बनाने वाला जीन नहीं होता। इससे मांसपेशियां और तंत्रिकाएं (Nerves) खत्म होने लगती हैं। दिमाग की मांसपेशियों की एक्टिविटी भी कम होने लगती है। ब्रेन से सभी मांसपेशियां संचालित होती हैं, इसलिए सांस लेने और खाना चबाने तक में दिक्कत होने लगती है। SMA कई तरह की होती है। Type-1 सबसे गंभीर बीमारी होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में अभी तक 5 लोगों और दुनिया में करीब 600 लोगों को SMA बीमारी के इलाज के लिए जोलगेन्स्मा का इंजेक्शन लगा है, जिन्हें लगा है उन्हें भी 60% ही फायदा मिला। 

SMA-2 से पीड़ित है अथर्व

SMA-2 से पीड़ित बच्चे आमतौर पर सहारे के बिना बैठना सीख लेते हैं, पर वे सहायता के बिना खड़े होना या चलना नहीं सीख पाते हैं। बच्चे का जीवित रहना मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि उसे सांस लेने और निगलने में किस स्तर की कठिनाई होती है। SMA टाइप 3 इस बीमारी का एक अपेक्षाकृत हल्का रूप है। 

क्या है इंजेक्शन की खासियत

इस बीमारी के इलाज के लिए जरूरी अमेरिकी कंपनी के इंजेक्शन की कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। इसकी खासियत यह है कि यह उन जीन को निष्क्रिय कर देता है, जो मांसपेशियों को कमजोर कर उन्हें हिलने-डुलने और सांस लेने में समस्या पैदा करते हैं। साथ ही बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास सामान्य रूप से हो सके, इसके लिए वो जरूरी प्रोटीन का उत्पादन भी करता है।
कितनी खतरनाक है यह बीमारी
यह मांसपेशियों को खराब कर देने वाली दुर्लभ बीमारी है। यह तंत्रिका तंत्र को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक प्रोटीन के निर्माण को बाधित करती है। ऐसे में तंत्रिका तंत्र नष्ट होने से बच्चे की मौत भी हो सकती है।

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