madhyapradesh.. इतिहास ने ली करवट....जयविलास पैलेस में नजर आएंगी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ...



संजय सक्सेना
ग्वालियर।इतिहास अब नई करवट लेता दिख रहा है। इसमें ग्वालियर राजघराने ने भी अपनी हिस्सेदारी भी दर्ज करा दी है। 
 परिवार की नई पीढ़ी 1857 की क्रांति और तत्कालीन सिंधिया महाराजाओं के अंग्रेजों से संपर्क और उस क्रांति में उनकी भूमिका को लेकर लगने वाले आरोपों को अब पूरी तरह बदलने में लगी है। स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह कहते हुए इसकी पहल कि महज एक कविता लिख देने से कोई इतिहास नहीं बदल जाता। ज्योतिरादित्य सिंधिया, सिंधिया परिवार के पहले सदस्य बने जिन्होंने वीरांगना की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि देना शुरू किया।
अब जयविलास पैलेस में स्थापित मराठा गैलरी में तैयार की गयी मराठा क्षत्राणियों के स्टैंड में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को भी स्थान दिया गया है। इसमें उन्हें मराठा क्षत्राणी के रूप में स्थान दिया गया है। इसमें वीरांगना झांसी की रानी के अलावा सिंधिया रियासत की महारानी रहीं वैजाबाई ,से लेकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया तक के सुन्दर और भावनात्मक पोट्रेट लगाय गए हैं।

जयविलास स्थित सिंधिया म्यूजियम में मराठा गैलरी का लोकार्पण केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा किया गया। इसके बाद उन्होंने म्यूजियम का अवलोकन किया और डिनर करने के बाद दिल्ली प्रस्थान किया। इस दौरान केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक प्रमुख नेता मौजूद रहे।
165 साल के एक लंबे अंतराल के बाद ग्वालियर के सिंधिया राजघराने में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। साल 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ हुई पहली क्रांति की नायिका झांसी की रानी लक्ष्मी बाई अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का बिगुल बजाते हुए ग्वालियर पहुंची थी। यहीं पर उन्हें वीरगति प्राप्त हुई थी। तब से लेकर इस मामले को लेकर सिंधिया परिवार लोगों के निशाने पर रहा था। उन पर लक्ष्मीबाई का साथ न देने का आरोप लगता रहा है।

0/Post a Comment/Comments