ग्वालियर का दौरा सिंधिया के नाम... शाही अंदाज शाह को खूब भाया...!


पिछली 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ महाकाल मंदिर में साथ-साथ नजर आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब गृहमंत्री अमित शाह को भी अपने शाही अंदाज का दीवाना बनाकर अपना मुरीद कर लिया है। एक तरह से भाजपा आने के बाद उनका कद लगातार बढ़ता जा रहा है। 

 रविवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ग्वालियर में लगभग 4 घंटे 11 मिनट रुके हैं, इनमें से लगभग 1 घंटा 30 मिनट वह सिंधिया के महल में रुके और शाही भोज का आनंद भी लिया। ग्वालियर-अंचल की स्थानीय राजनीति में इस शाही भोज को सिंधिया के शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपने संसदीय क्षेत्र कूनो श्योपुर नेशनल पार्क में चीतों के पुनर्वास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आये थे। इन दोनों दिग्गजों के बीच ग्वालियर-चंबल अंचल में वर्चस्व की लड़ाई किसी से छुपी नहीं है।

 शाही भोज का ट्रंप कार्ड...?

ग्वालियर के एयर टर्मिनल विस्तार के शिलान्यास के बहाने सिंधिया महल में सत्ता केन्द्र और प्रधानमंत्री के राइट हैंड अमित शाह को जयविलास पैलेसे में शाही भोज पर आमंत्रण देने पर राजनीतिक गलियारे में ऐसी चर्चा है कि इस शाही भोज से स्थानीय राजनीति में सिंधिया की संगठन में मजबूत पकड़ को प्रदर्शित करेगी। जिससे स्थानीय राजनीति के समीकरणों में बड़ा उलट फेर हो सकता है। कांग्रेस में पूरा सम्मान न मिलने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ली। इसके बाद अपनी दादी राजमाता विजयराजे सिंधिया की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सारे प्रयास किए। पर भाजपा की सदस्यता लेते ही भाजपा की दूसरी पंक्ति के नेताओं में प्रतिद्वंदिता न चाहकर भी शुरू हो गई है।

विरोधियों को साधने की रणनीति..

भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अच्छे से समझ गए हैं कि यदि उनको सत्ता में शीर्ष पर पहुंचना है तो जनता के लोकप्रिय होने के साथ-साथ संगठन में भी पकड़ मजबूत होना बेहद जरूरी है। इसके लिए वह भाजपा में शामिल होने के बाद से ही लगातार प्रयास कर रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने भाजपा के हिंदूवादी छवि के नेता जयभान सिंह पवैया के घर पहुंचकर विवाद को खत्म किया था। इसके बाद वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंचकर नमन करने के साथ कई विरोधियों का मुंह हमेशा के लिए बंद किया। अब ग्वालियर में शाह के शाही भोज के सहारे वह संगठन में पकड़ मजबूत बनाते जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भाजपा की रीति-नीति को काफी अच्छे से समझ चुके हैं। वे इस बात से वाकिफ हैं कि सत्ता का स्तंभ बनने के लिये संगठन में मजबूत पकड़ जरूरी है। इसके लिए वह भाजपा के प्रमुख नेताओं से मेल-जोल बढ़ा रहे हैं। उनके घरों पर दस्तक देकर पारिवारिक संबंध बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

0/Post a Comment/Comments