Cm हेल्पलाइन में शिकायत में 696 शिकायत है। अनुचित राशि आदि मांगने की। 14 GRF को पद से हटाया है। कुछ सचिवों का वेतन भी काटा है। ऐसे बेईमानो को सेवा से पृथक करो। FIR करो, जेल भेजो। करप्शन के मामले में ज़ीरो टोरलेंस की नीति अपनाओ, किसी भी बेईमान को मत छोड़ो।
ये कहना है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का। इस तरह के निर्देश मुख्य मंत्री पहले भी दे चुके हैं, लेकिन एकाध मामले में कार्रवाई हो कर शांति छा जाती है। और भ्रष्टाचार की बात करें तो ज़ीरो टॉलरेंस की लगातार बात होती है, यहां कोई भी ऐसा विभाग या क्षेत्र नहीं है, जहां बिना रिश्वत काम हो।
हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें बताया गया कि राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। वहां तो बिना सुविधा शुल्क के पता तक नहीं हिलता। जिस विभाग का प्रमुख सचिव कहता हो कि रिश्वत मांगी है तो एफ आई आर कराओ, मंत्री के निर्देश के बावजूद, वहां के अराजक भ्रष्टाचार की हालत का अनुमान लगाया जा सकता है।
सीएम बार बार कहते हैं एफआईआर करो, कार्रवाई करें, आखिर करे कौन? जो स्वयं उनसे ही कमीशन लेता हो? इधर सीएम ज़ीरो टॉलरेंस की बात करते हैं ल और इधर भोपाल में तबादलों के लिए हर दूसरे होटल में, मंत्रालय से लेकर सतपुड़ा विंध्याचल के आस पास सौदे हो रहे हैं। विधायक से लेकर मंत्री तक फेल हैं, उनकी नोटशीट एक तरफ फेकी जा रही है। एक चपरासी उन पर भारी है।
इसी प्रदेश में एक कलेक्टर के माध्यम से उच्च पदो पर पोस्टिंग हो रही है, कैसा ज़ीरो टॉलरेंस? मुख्य सचिव और एक प्रमुख सचिव के खिलाफ पर्चा निकल रहा है, कैसा प्रशासन? खबर तो यहां तक है कि संगठन के दो पदाधिकारी सीएम हाऊस के माध्यम से काम करवा रहे हैं। एक छोटे पदाधिकारी को चार इमली में अफसरों की लाइन में बंगला आवंटित किया गया है। वहां बड़ी गाड़ियों की लाइन लगी रहती है, सौदे होते हैं। एक पदाधिकारी ने तो संगठन की खबरें सीएम हाउस में दे दे कर मामला जमा लिया है। करोड़ों का खेल चलता है। भोपाल जिला अध्यक्ष को लेकर भी ऐसी ही खबर है। मंत्री और एमएलए सिसक रहे हैं, दलाल जिंदाबाद। भ्रष्टाचार जिंदाबाद।
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