सिक्सलेन रोड: लापरवाही के चलते 20 करोड़ का चूना, कौन जिम्मेदार, अफसर खाए मलाई भुगते जनता...



भोपाल। सरकार को कैसे और कहां करोड़ों का चूना लगाया जाए और अपनी जेबें भरी जाएं, फिर नेताओं को भी हिस्सा पहुंचाया जाए, इसी जुगत में अफसर लगे रहते हैं। राजधानी में विभिन्न एजेंसियों का तालमेल न होने के कारण कई बार सरकार को करोड़ों का चूना लग चुका है। एक बार फिर दो बड़ी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल न होने का खामियाजा एक बार फिर शहर के लोगों को उठाना पड़ेगा। इसी तालमेल की कमी के चलते इस बार लगभग 20 करोड़ रुपए बेवजह खर्च कर दिए जाएंगे। इसके पीछे कोलार में बनाई जा रही 17 किमी लंबी सिक्सलेन रोड बताई जा रही है, जिसमें  एक बार फिर अफसरों की लापरवाही सामने आ रही है। आगे और नुकसान होगा, लेकिन सरकार ने न तो पहले नुकसान को लेकर कोई कार्रवाई की और न ही अब होने की कोई उम्मीद है। नगर निगम तो भ्रष्टाचार का गढ़ बन ही चुका है, लोक निर्माण विभाग भी इसमें पीछे नहीं है। और चूंकि पैसा नगर निगम परिषद से लेकर संचालनालय और मंत्रालय के शीर्ष तक पहुंचता है, सो जनता के पैसे की बर्बादी लगातार जारी है। और सबसे लापरवाह साबित हुए नगर निगम आयुक्त कोलासानी भी केवल इसी वजह से भोपाल में जमे हुए हैं, क्योंकि वे केवल भ्रष्टाचार के रास्ते तलाशते हैं, कमाते हैं और ऊपर से नीचे तक बांटा भी जाता है। 
कोलार में बन रही सिक्स लेन सडक़ से लाखों लोगों को राहत मिलेगी, लेकिन इसके लिए 2018 में बिछाई गई केरवा पाइपलाइन और 15 मई 2022 से शुरू हुई नई कोलार पाइपलाइन को शिफ्ट किया जा रहा है। पाइपलाइन की शिफ्टिंग का काम नगर निगम करेगा, जिसके लिए पीडब्ल्यूडी 19.55 करोड़ रुपए देगा।
सिक्सलेन को बनाने की घोषणा वर्ष 2016 में हो गई थी, लेकिन इसके बाद भी पाइपलाइन बिछाते समय इसका ख्याल न तो नगर निगम अफसरों ने रखा और न ही पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने। अब सिक्सलेन के लिए 23.2 किमी लंबी पाइपलाइन को सडक़ से करीब दो मीटर दूर शिफ्ट करना पड़ रहा है। इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
पुरानी लाइन से रहेगी सप्लाई
23.2 किमी की पाइपलाइन को शिफ्ट करने के लिए नगर निगम ने टेंडर जारी कर दिए हैं। ये टेंडर एक दिसंबर को खुलेगा। निगम अफसरों का कहना है कि टेंडर शर्तों के अनुसार एजेंसी को वर्क ऑर्डर होने के 3 महीने के भीतर शिफ्टिंग करनी होगी। पुरानी लाइन से दो मीटर दूर नई लाइन बिछेगी। तब तक पुरानी लाइन से पानी सप्लाई किया जाएगा। लाइन शिफ्टिंग के बाद पुरानी लाइन को निकाल लिया जाएगा।
सीएम ने की थी कोलार रोड को सिक्सलेन बनाने की घोषणा
वर्ष 2016 में कोलार में भगवत कथा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोलार रोड को सिक्सलेन में तब्दील करने की घोषणा की थी। तब से 2018 के बीच सिक्सलेन रोड के तीन अलग-अलग डिजाइन बने।
2020 में भाजपा की दोबारा सरकार बनी और विधायक रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया। इस दौरान फिर इस सडक़ को बनाने की कवायद शुरू कर दी गई। इसके बाद भी अफसरों ने पाइपलाइन बिछाते समय इस बात को ध्यान में नहीं रखा गया। यदि ऐसा होता तो तभी केरवा लाइन भी सडक़ से दूर बिछाई जाती।
अब नहीं मिल रही 32 मीटर की जगह
अफसरों का कहना है कि सिक्सलेन रोड की चौड़ाई 32 मीटर होनी चाहिए। कोलार रोड पर इतनी जगह न होने के कारण इस सिक्स लेन को 24, 26 और 28 मीटर का बनाया जा रहा है। यानी जहां जितनी जगह मिलेगी, वहां उतनी चौड़ी सडक़ होगी। फिलहाल पीडब्ल्यूडी ने सिक्स लेन के लिए सडक़ किनारे इतने दायरे में मार्किंग शुरू कर दी है। होली क्रॉस स्कूल से बंजारी तक केरवा की 11 किमी लंबी फीडर लाइन है। सिक्स लेन बनाने के दौरान ये पूरी लाइन प्रभावित होगी। कोलार डिस्ट्रीब्यूशन लाइन कोलार तिराहे से चूना भट्टी चौराहे के पास काली माता मंदिर तक 7.2 किमी की है। इसका एक हिस्सा बैरागढ़ चींचली से शुरू होता है। यानी कुल 16 किमी की डिस्ट्रीब्यूशन लाइन और 7.2 किमी की फीडर लाइन को शिफ्ट किया जाएगा।

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