जबलपुर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज जब जबलपुर में तीरंदाजी की, तो राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल निकली कि पिछली बार तो उन्होंने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का शिकार किया था, अब किस पर निशाना साध रहे हैं। क्योंकि इस समय मध्य प्रदेश भाजपा की राजनीति में भी भारी हलचल मची हुई है। चर्चा है कि संगठन से लेकर सत्ता तक में फेरबदल होना है।
असल में सांसद खेल महोत्सव के दूसरे दिन केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जबलपुर के रानीताल स्टेडियम पहुंचे थे। उन्होंने खेल भावना के साथ मैदान में दौड़-दौड़ अपनी फिटनेट दिखाई। खुद दौड़े और दूसरे जनप्रतिनिधियों को भी साथ दौड़ाया। उन्होंने पारम्परिक खेलों को देखकर खुशी जाहिर की। 12 दिवसीय इस खेल महोत्सव को लेकर उन्होंने कहा कि यह भव्य आयोजन है जो जबलपुर में हो रहा है। प्रधानमंत्री का संकल्प है कि भारत को विश्व पटल पर आगे बढ़े। भारत अग्रसर हो। इसके लिए हर वर्ग, हर क्षेत्र से भारत का झंडा अग्रिम पक्ति में रहे। पिछले आठ वर्षो में वो चाहे कामनवेल्थ, ओलंपिक हो हर जगह भारत के झंडे को बुलंद किया है। इसलिए ऐसे खेल के आयोजन पूरे देश के युवाओं को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति वाले भारत देश में 135 करोड़ की आबादी में 70 प्रतिशत 35 साल से कम उम्र के युवा है। विश्व में परिवर्तन युवा ही लाते हैं। ये दशक, शताब्दी भारत की है। भातर आर्थिक,राजनैतिक रूप से तेजी से आगे बढ़ रहा है।
खेल के मैदान में राजनीति की बात नहीं- सिंधिया
केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सांसद खेल महोत्सव को परम्पारिक खेलों का संगम बताया। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि इस खेल महोत्सव में युवाओं में ऊर्जा का संचार होता है। युवा छोड़े यहां आकर मुझमें भी ऊर्जा पैदा हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन से युवाओं में सकारात्मक सोच पैदा होती है।सिंधिया से जब कमल नाथ को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा कि खेल के मैदान में नियम है कि यहां सिर्फ खेल की बाते हो। राजनीति की बात नहीं होनी चाहिए। मंदिर जाते हैं तो राजनीति नहीं होनी चाहिए। वैसे ही खेल मैदान में भी सिर्फ खेल की बात हो। उन्होंने कहा कि सांसद खेल महोत्सव में गुल्ली डंडा, कच्चे,चीटी धप्प जैसे पारम्परिक खेलों में मैंने खुद हाथ अजमाया। उन्होंने पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने की बात कही।
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