जो इन्वेस्टर्स यहां आए हैं, वो मैप पर उंगली रखकर बता दें कि हमको यहां जमीन चाहिए। हम उनको 24 घंटे में जमीन आवंटित कर देंगे। कोई दिक्कत और परेशानी नहीं है।’ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह दावा 9 दिन पहले 11 जनवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान इंदौर में किया था, लेकिन हकीकत में ऐसा है नहीं। यह कहना है ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने आए बिपिन अवस्थी का।बोत्सवाना से आए बिपिन ने 2018 में भोपाल में तीन करोड़ देकर सरकार से एक प्लॉट खरीदा था। कागजी कार्यवाही तो पूरी हो गई, लेकिन आज तक कब्जा नहीं मिल सका। अलबत्ता पड़ोसियों ने उस पर किचन गार्डन बना लिया। इस मामले की शिकायत सीएम तक को की है।
शिकायत के अनुसार इस प्लॉट के 3 फीट के हिस्से में पूर्व IFS का किचन गार्डन बना हुआ है। रिवेयरा टाउनशिप के फेज 1 के हाउस नंबर 167 में रहने वाले रिटायर्ड IFS एके दुबे से संपर्क किया, तो उनका कहना था कि मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है- ये मामला कोर्ट में चल रहा है।
ब्यूरोक्रेसी बहुत अड़चनें पैदा करती है
'मैंने अपने प्लॉट पर अतिक्रमण की शिकायत मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, सीएम के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और डीजीपी सुधीर सक्सेना से की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब विदेश मंत्रालय को भी शिकायत भेजी है, उन्होंने भरोसा दिलाया है कि जल्द एक्शन लिया जाएगा। सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। यहां ब्यूरोक्रेसी बहुत अड़चनें पैदा करती है। मैंने भोपाल में कई जगह निवेश किया है, लेकिन कहीं भी मुझे प्रक्रिया सहूलियत भरी नहीं लगी।
जब मैं प्रवासी सम्मेलन में भाग लेने पहुंचा, तो सीएम के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी को समस्या से संबंधित मैसेज किया। उन्होंने जवाब दिया कि इस पर तुरंत एक्शन करवा रहे हैं। हालांकि अब तक कुछ नहीं हुआ है। हमने अपने प्लॉट कब्जे को लेकर कोर्ट की शरण ली, तो रिटायर्ड IFS और रिवेयरा सोसायटी के पदाधिकारी हाईकोर्ट चले गए।'
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