नए संसद भवन के उद्घाटन का कांग्रेस सहित विपक्ष द्वारा बहिष्कार किए जाने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "उन्होंने (विपक्षी दलों ने) संविधान से कुछ अनुच्छेद बोले और उस आधार पर हमें सलाह दे रहे। उस समय भी इंदिरा गांधी ने (संसद के उपभवन के उद्घाटन के दौरान) किया था। आपके पास अपने लिए अलग मानक हैं और दूसरों के लिए अलग। यह देश और किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक बार आने वाला क्षण है। फुटनोट में कहीं लिखा जाएगा कि इन लोगों द्वारा संसद भवन के खुलने के कार्यक्रम का बहिष्कार किया था।"
पुरी ने कहा, मुझे इस पर उनके (कांग्रेस) साथ इंटेलीजेंट कन्वर्शेसन करने में बहुत मुश्किल होगी... जब वे हमसे मिलते हैं तो वे कुछ और कहते हैं और सार्वजनिक तौर पर पूरी तरह से अलग बात कहते हैं। मुझे लगता है कि वे धीरे-धीरे गुमनामी में खो जाएंगे।
राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में नए संसद भवन के उद्घाटन विवाद पर कहा, "ऐसा कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए, तो यह तब क्यों नहीं आया जब इंदिरा गांधी ने संसद उपभवन का उद्घाटन किया था?"
संसद की पवित्रता की कोई मान्यता नहीं
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा, इन लोगों (विपक्ष) को संसद की पवित्रता की कोई मान्यता नहीं है... उन्होंने कई बार राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया है। वे लगातार संसद की कार्यवाही बाधित करते रहे हैं... उनके मन में संसद के लिए कोई सम्मान नहीं है। यह देश के लिए एक महान अवसर है और विपक्ष विभाजनकारी राजनीति कर रहा है।
तेलंगाना सचिवालय का सीएम ने किया उद्घाटन
तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा, हाल ही में तेलंगाना सचिवालय शानदार तरीके से बनाया गया था, इसका उद्घाटन सीएम ने किया था। उस समारोह के लिए (मुझे) निमंत्रण भी नहीं दिया गया था। आप (विपक्ष) कहते हैं कि राष्ट्रपति एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति हैं, लेकिन आप राज्यपालों के लिए ऐसा क्यों नहीं कहते?
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