बिहार की राजधानी पटना के ज्ञान भवन में देशभर के विपक्षी नेताओं की बैठक 12 जून को होगी। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। इस बीच, कांग्रेस की ओर से भी पुष्टि की गई है कि वह इसमें भाग लेगी। हालांकि, पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि इस बैठक में कांग्रेस की ओर से कौन शामिल होगा, इस पर चर्चा होनी बाकी है।
कांग्रेस ने अदाणी मुद्दे को लेकर एक किताब भी लॉन्च की
जयराम रमेश ने कहा, 'हम 12 जून (पटना में) को (विपक्ष) बैठक में भाग लेंगे। (कांग्रेस से) कौन शामिल होगा, इस पर अभी चर्चा होनी बाकी है।' कांग्रेस ने अदाणी मुद्दे को लेकर एक किताब भी लॉन्च की है। पार्टी महासचिव ने कहा, आज हम उन 100 सवालों से संबंधित एक किताब लॉन्च कर रहे हैं जो हमने अदाणी मुद्दे पर फरवरी से पीएम मोदी से पूछे थे।
उन्होंने आगे कहा, इससे पहले भी हमने संसद में अदाणी मुद्दे में जेपीसी जांच की मांग की थी, अब जब मानसून सत्र नई संसद में आयोजित किया जाएगा, तो हम उसी चीज (जेपीसी जांच) की मांग करेंगे।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी झारखंड मुक्ति मोर्चा के बैठक में मौजूद रहने की तस्दीक कर दी है। सोरेन ने पत्रकारों से कहा, 'चूंकि सभी विपक्षी दलों ने भागीदारी दर्ज की है, इसलिए हम भी इसमें शामिल होंगे।' बता दें कि झारखंड में कांग्रेस और झामुमो सहयोगी हैं।
तमिलनाडु की डीएमके भी होगी शामिल
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के भी बिहार में होने वाली इस बैठक में भाग लेने की उम्मीद है, हालांकि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पूर्व नियोजित कार्यक्रमों की वजहों से खुद 12 जून की इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा, 'मैं उसी दिन मेत्तूर बांध के उद्घाटन समारोह में शामिल होऊंगा...यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष भी अलग-अलग कार्यक्रमों में रुके रहेंगे और शामिल नहीं हो पाएंगे...इसलिए, मैंने बैठक की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए कहा है। हालांकि डीएमके जरूर बैठक में मौजूद होगी।'
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