निजी कंपनी ने बगैर वेरिफिकेशन कराए नियुक्त किए 406 वेटरनरी डाक्टर

भोपाल। पशुपालन विभाग की पशु संजीवनी वाहन सेवा में फर्जी डाक्टरों की नियुक्ति का मामला सामने आया है। प्रदेशभर में 400 से ज्यादा पशु एंबुलेंस के संचालन के लिए 400 से ज्यादा वेटरनरी डाक्टर और असिस्टेंट वेटरनरी फील्ड आफिसर (एवीएफओ) नियुक्त किए गए। निजी कंपनी ने उम्मीदवारों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच वेटरनरी काउंसिल आफ इंडिया से कराए बगैर उन्हें नियुक्ति-पत्र प्रदान कर दिए।
पशुपालन विभाग ने निजी कंपनी टी एंड एम को प्रदेशभर में संजीवनी वाहन सेवा के लिए 400 से ज्यादा वेटरनरी डाक्टर, एवीएफओ और ड्राइवर की नियुक्त की जिम्मेदारी दी थी। कंपनी ने नियम को ताक पर रखकर बड़े स्तर पर भर्ती कर ली। वेटरनरी विश्वविद्यालय के पास भी शिकायत पहुंची है।
मामले के तूल पकड़ने के बाद कंपनी ने कई फर्जी डिग्री धारकों को डाक्टर के पद से हटाकर एवीएफओ के पद पर नियुक्त कर दिया। पूरा मामला सामने आने के बाद वेटरनरी कौंसिल आफ इंडिया (वीसीआइ) ने नाराजगी जाहिर की। वीसीआइ ने निजी कंपनी पर वेटरनरी डिग्री की अंकसूची का वैरीफिकेशन न कराए जाने से नाराज होकर पशुपालन विभाग को पत्र लिखा है।
निजी कंपनी ने जिन डाक्टरों को पशु संजीवनी वाहन सेवा में तैनात किया है, उनकी अंकसूची राज्य वेटरनरी कौंसिल से सत्यापित नहीं कराई गई। इस वजह से कई उम्मीदवारों ने फर्जी डिग्री लगाकर वेटरनरी डाक्टर की नौकरी पा ली।

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