विभाग द्वारा भेजे गए सूची में पहला नाम रामकुमार अवधिया का है. यह लंबे समय से विभागीय जांच के कारण आईएफएस नहीं बन पा रहे हैं. प्रस्ताव में चौथा नाम प्रियंका चौधरी का है. इनके खिलाफ भी विभागीय जांच चल रही है. अपने सीनियर अधिकारी राखी नंदा को व्हाट्सएप पर अमर्यादित और असंसदीय मैसेज भेजने के मामले में जांच चल रही है. प्रारंभिक जांच में इनको पर्यटन बोर्ड की सीईओ और तत्कालीन एपीसीसीएफ विजिलेंस समिता राजौरा ने प्रियंका चौधरी को कसूरवार मांगते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की थी. उनके सिफारिश पर अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है. इसी प्रकार मनोज कटारिया के खिलाफ भी अनियमितता का मामला चल रहा है. सीधी में पोस्टिंग के दौरान गड़बड़ी के चलते उन्हें निलंबित भी किया गया था. सुरेश कुमार अहिरवार के खिलाफ न्यायालय में दहेज प्रताड़ना का मामला लंबित है. हेमलता शाह ने एसीआर सुधार के लिए अभ्यावेदन दिया है. मामला विचाराधीन है. डॉ कल्पना तिवारी के खिलाफ चैन लिंक खरीदी के मामले की जांच चल रही है. तब वे छतरपुर में पदस्थ थीं.
इनके नामों का प्रस्ताव केंद्र को भेजा
वन विभाग की ओर से तेरह आईपीएस पदों के लिए राज्य वन सेवा के 39 अफसरों के नाम भेजे हैं. इनमें प्रमुख नाम है – रामकुमार अवधिया, मनोज कटारिया, हेमलता शाह, प्रियंका चौधरी, आशीष बंसोड़, विद्या भूषण सिंह, गौरव मिश्रा, तरुणा वर्मा, डॉ कल्पना तिवारी, हेमंत यादव, सुरेश कुमार अहिरवार, राकेश कोडापे, प्रीति अहिरवार, लोकेश निरापुरे, राजाराम परमार, करण सिंह रंधावा, माधव सिंह मौर्य, हरिशचंद बघेल, संतोष कुमार रनछोरे, शीतल प्रसाद शाक्य, शंकर लाल यादव, बालकराम श्रीशाम, भानु प्रकाश बाथम, रामकृष्ण सोलंकी और रेशम सिंह धुर्वे प्रमुख है.
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